Meri Jana

चल रही थी हसीं ज़िन्दगी
तेरे जाने से थम सी गयी
किस गुनाह की सज़ा दी मुझे
मुझे तनहा तू फिर कर गयी
अभी भी हूँ वही खड़ा
छोड़ा जहाँ तुने रस्ता मेरा
सजाये थे जो सपने तेरे
उन्हें तबाह तू न कर मेरी जाना

तेरे बिन रहता हूं
पागल सा फिरता हूँ
दरिया में हूँ डूबा
आ मुझे निकाल मेरी जाना

बिखरे हैं वो वादे
सपने वो हमारे
खुशियाँ थी बस जिनमें
आ उन्हें निभा मेरी जाना

पाना तो था फिर तुझे क्यूँ
यूं खो दिया है
अपना कहा था मुझे फिर
क्यों छोड़ दिया है
सच मान बैठा था
जिस झूठ को तूने दिया है
तेरी बेवफाई थी
या मासूमियत की मेरी सज़ा है

मेरे दिल में तुम बातों में
मेरे कल में तुम यादों में
यही सोचता हूँ रातों में
साथ था हुआ जुड़ा मैं
तेरे बिन रहता हूं
पागल सा फिरता हूँ
दरिया में हूँ डूबा
आ मुझे निकाल मेरी जाना

आज भी जब भी हूँ चाहता
दिल तुझे ना भूल पाता
यादें तेरी आ ही जाती हैं
दर्द हूँ दिल में छुपाता
राज़ न ये खोल पाता
चाहत अब भी तेरी बाकी है
तुझको नहीं क्यूँ याद मैं आता कभी

दूरी ये मिटा दे
बाहों में पनाह दे
अपना तू बना ले
आ मुझे संभाल मेरी जाना

लगता है तेरे बिन
सूना सा ये जीवन
रंगों की तू बारिश
आ मुझे भीगा मेरी जाना



Credits
Writer(s): Himanshu Dwivedi
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