Inayat

है लब तेरे साँसों का मेरी अब से ठिकाना
था मेरे लिए ख़्वाबों के जैसा तुझ को यूँ पाना

माना हज़ारों दफ़ा यूँ तो मैं ख़ुद से मिला
लेकिन था अंजाना
जो तू मुझे आ मिला, पूरा मैं होने लगा
मैंने ख़ुद को जाना

हुआ मैं तेरा, मिला बसेरा
अब क्या ख़ुदा से शिक़ायत करूँ?
हुआ मैं तेरा, मिला बसेरा
मुझ पे ख़ुदा की इनायत है तू

(ख़ुदा की इनायत है तू)
(ख़ुदा की इनायत है तू)

चाहूँ मैं यही, जागूँ जो रातों में
पास मेरे तू आए नज़र
माँगूँ मैं यही कि मेरे ख़्वाबों में
खो जाए तुझ को खोने का डर

ऐसा हो जाए यक़ीं, जाएगा ना तू कहीं
पास रहे हर लम्हा
तू साथ जो नहीं, आँखों में रहती नमी
फिरता हूँ मैं तन्हा

हुआ मैं तेरा, मिला बसेरा
अब क्या ख़ुदा से शिक़ायत करूँ?
हुआ मैं तेरा, मिला बसेरा
मुझ पे ख़ुदा की इनायत है तू

(ख़ुदा की इनायत है तू)
(ख़ुदा की इनायत है तू)

(ख़ुदा की इनायत है तू)



Credits
Writer(s): Abhijeet Srivastava, Aman Moroney, Pranil Desai, Sagar Thakkar, Shayra Apoorva, Vaibhav Jadhav
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