Aadambar

इंसान की अवाम में जज़बात ही ना शामिल
मुट्ठी भर की चलती है और उसमें आधे क़ातिल

रंग-भेद, जात-पात, जंग-खून
भेड़चाल, क़ौमवाद, कट्टरबाज़
मोटी खाल, गंदी चाल

बत्तर हाल आज है दिमाग का
जैसे-जैसे बढ़ रहा ये वस्तु प्रेम
वैसे-वैसे जल रहा है अंतरमन हैवान सा
हैवान सा

ना जाने कितने George Floyd, boys locker
School shootings, quiet victims, throat slit
और रक्त उसका बह गया
Eye witness? वो कौड़ी में ही बिक गया

बिक गया वो पन्ना जिसपे ज़ुल्म और क़ुर्बानी है
जितनो ने निर्दोषों को मसला
वो मसला बस उनकी ज़ुबानी में, पानी में
कौन कितना घुस चुका वो ना पता, damn
पानी नहीं है

वाणी पर कठोर है, लगते लोग जोश में
Insta और Facebook पे लंबे-लंबे post हैं
पर गिनती का वो logic, बाकी दंगे वाले source हैं

सबसे रद्दी मुद्दो पे हैं चलते होंठ ज़ोर से
कल rape हो गया तो सारे होंठ गुम
कहाँ गया वो शोर, वो सभाओं का गुरूर?
मातृभूमि के वचन, आज़ादी का जतन
लहू सना बदन चूरचूर हो गया
उस प्यारी माँ का हर स्वपन
ना लौटेगा एकलौता उसके दिल का वो रतन

सारी आस लगे ख़ाक
गुनाहों की किताबों में हर पन्ने को जला दें हम
दफ़्न कर दें ये ज़ुल्म अपने या सब छुपा लें हम
तो भी बचे इन हाथों में खून के इतने निशां
के सन सके खून से हर दिशा
सौ दफ़ा, हर दिशा

अखबार जब भी खोलूँ, मेरा सर है इतना फटता
ज्ञान की जगह बस इसमें दिखे बिकी लज्जा
इसके ऊपर अंधाधुंध लोगों के opinions
Online status-stories करना है तो please घर जा

Sorry, आप तो पहले से ही बैठे घर में
Softie cozy blanket में सब लगे offensive
Incentive के वो भूखे जिनको करनी नहीं वर्जिश
उलटा वर्जिश करने वाले दब जाते हैं under taxes
और youth आधा हमारा misinterpreted modernity

सशक्त आधुनिकता को बना लिया celeb-city
Bully पे "LMAO," then let's talk about some mental peace
Hypocrisy छुपा ना पाए तो "fuck you and your family"
छड़ में ना बदलता सब कुछ बैठे on bed
Real life है ये, ना चलता यहाँ gauntlet

वो sins जिनका हिसाब देते हम चंद लाखों में
कभी मुड़कर कोई पूछेगा उसकी बेटी से
जिसके पीता को छीना सरहद के कोनो ने
पढ़ती "पापा" सिर्फ किताबों में

बहुत goals, बड़े सपने, सब रखे हैं मैंने
पर एक बात दिल में मैं हर दम बचाके रखता
के प्यार बाँटना है जिसको बैर ना पता
और औकात बाँटनी है जिसको प्यार से घृणा

यूँ तो हर घड़ी बस मेरी एक ही दुआ
के पल पाए सच्चाई और इंसानियत यहाँ
और कट भी जाऊँ अगर कभी मैं सच बेचते
प्यार ही बहे बस मेरे खून से वहाँ

सारी आस लगे ख़ाक
गुनाहों की किताबों में हर पन्ने को जला दें हम
दफ़्न कर दें ये ज़ुल्म अपने या सब छुपा लें हम
तो भी बचे इन हाथों में खून के इतने निशां
के सन सके खून से हर दिशा
सौ दफ़ा, हर दिशा

न जाने ऐसी बातें कई बार कह दीं कितनो ने
कितनो ने ये सोचा कि बदलेंगे हम इस दुनिया को
मसीहे भी उतरे जिन्होंने कोशिश कर सँवारे लोग
पर कोशिश के motive को सबने कर दिया किनारे, woah

Nelson Mandela, Malala, Martin Luther, Teresa
जैसी कितनी हस्तियों का नाम अनसुना सा
दिख जाए जो सुर्खियों में वीर एक भी
बस उसकी ही कहानी अपने बच्चों को सुनाना

फिर दिखाना कैसे जी रही ये सृष्टि आज तक
कितनो ने उधेड़ा और फिर ले ली जान तक
पर क़ुर्बानी जो थी करोड़ों दिल-ओ-जां से
बचाती गई हमें यहाँ के हर मलाल से

फ़िलहाल नज़्म लिखते दिल दुख रहा है मेरा बहुत ज़्यादा
पर बचपन में पढ़ा था moral science मैंने थोड़ा ज़्यादा
तभी तो लग जाती पूरी जान इस काम में
चाहे लफ़्ज़-ए-बदलाव में लगे जनम मुझको 100 से ज़्यादा



Credits
Writer(s): Climax & Vasu Kainth
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