Naam Hi

तेरे नाम के इन शब्दों को
माला में प्रीत की पिरो गया
मैं जानूं ना ना जाने तू
मैं कब तेरा हो गया
तू ज़िंदगी तू मौत भी
तू जीने की वजह हो गया
मैं किस्मतों से जो मिला
बस किस्मतों में ही खो गया

मिले बस नाम ही
मिले पर हम न क्यूं
तुम जो हुए जुदा
तो हो फिर गम ना क्यूं

मिले बस नाम ही
मिले पर हम न क्यूं
तुम जो हुए जुदा
तो हो फिर गम ना क्यूं

मै हार गया सब वार गया
इक तेरे ही इश्क़ पे
खुशियां मेरी तुझको मिले
तेरे ग़म भी लेलूं मैं
तेरी चाह में जाने मैने
कैसा सपना संजोया था
पर वक्त की इस आरी ने
इसे टुकड़े करके मार दिया

ये जो दास्तां है अधूरी सी
लिख के खुदा जैसे सो गया
मेरा दिल का ये जो परिंदा था
आज़ाद इश्क़ से हो गया

तू ज़िंदगी तू मौत भी
तू जीने की वजह हो गया
मैं किस्मतों से जो मिला
बस किस्मतों में ही खो गया

मिले बस नाम ही
मिले पर हम न क्यूं
तुम जो हुए जुदा
तो हो फिर गम ना क्यूं

मिले बस नाम ही
मिले पर हम न क्यूं
तुम जो हुए जुदा
तो हो फिर गम ना क्यूं



Credits
Writer(s): Abhishek Nigam
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