Main Kya Kahun

बिछड़ जाएगी तू, पता था मुझे
फिर भी क्यूँ रहा साथ मैं तेरे

मैं क्या कहूँ?
कुछ कहने को बचा ही नहीं
मैं क्या कहूँ?
सोचा था जो, हुआ ही नहीं

बिछड़ जाएगी तू, पता था मुझे
फिर भी क्यूँ रहा साथ मैं तेरे
क्यूँ था मुझे इतना हम पर यक़ीं?
कहूँ क्या तुझे? तू तो समझेगी नहीं

मैं क्या कहूँ?
कुछ कहने को बचा ही नहीं
मैं क्या कहूँ?
सोचा था जो, हुआ ही नहीं

तू मेरे लिए क्या थी, तू ये जानती नहीं
अधूरा हूँ मैं बिन तेरे, तू जान थी मेरी
मुझे खोने का बता ज़रा तुझे डर था कभी?
मैं हूँ या ना हूँ क्या तुझे फ़रक़ पड़ा है कभी?

मैं क्या कहूँ?
मुझमें ही शायद थी कुछ कमी
मैं क्या कहूँ?
तुझको मेरी क़दर थी ही नहीं

आख़िर में मेरा ही ये था क़ुसूर सारा
आदत था बस तेरी, इतना क्यूँ ना पहचाना?
तेरा ये चले जाना और फिर यूँ लौट के आना
दिल है ये मेरा भी, ना है ये कोई खिलौना
क्यूँ ना पहचाना?

सोचा कभी मिल कर तुझे बताऊँगा
काग़ज़ पे लिख कर सब तुझे पढ़ाऊँगा

मैं क्या लिखूँ?
लिखने को कुछ मिला ही नहीं
मैं क्या कहूँ?
होना था जो, हुआ है वही



Credits
Writer(s): Siddhant Bansal
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