Confess

कभी सोचा ना था ये
साल का पहला गाना होगा ऐसा
हो सकता है आखरी ही हो
लिखना छोड़ दूं और झूठ न मै कहता
खोने का डर खत्म हो चुका
क्यूंकि अब कुछ भी रहा मेरे पास नी
किस से बांटू दिल का मै दर्द
यूं लगता है अब कोई रहा मेरे खास नी
इतना अकेला हो चूका आइना देख बातें करूं
कानों में फिर भी है आवाज़ नी
और किसी को लगे मैने कुछ भी है छुपाया
तो गाने सुनलो उनमें कुछ भी राज नी
बुरा मांगा ना फिर भी मेरा दोष आए
जितना रब से दूर होरा उतना ही खोफ आए
मै आगे बढ़ने की कोशिश करूं
पीछे देखूं और पीछे पीछे मेरे मौत आए
दोस्त आए
दुश्मन आए
एक दिन नहीं
हर रोज आए
मै जहां था
वहां ही हूं खड़ा
वो सब आगे बड़ गए
फिर ना वो लौट आए
घर वाले सोचें करेगा ये नौकरी
मजबूर वो भी उनका भी दोष नी
उठाऊं यां नहीं समझ नहीं आरा
मेरे बस का मुझे लगता है भोज नी
एक एक करके अपनों से पड़ री दूरी
मेरा है कसूर या उनकी मजबूरी
खुद को राहत देता ये समझाकर
मिलने के बाद बिछड़ना ज़रूरी
बदल चुका अब वो है जनुन नहीं
सब कुछ करके देखा क्यों मिला सुकून नहीं
आंखें खोलता सपने खुद के तोड़ देता
65%अंदर मेरे खून नी
सांसे कम चलरी आंखें होरी नम
खुश था मै टूट चुका ये भ्रम
मेरे पास देने को ना है जवाब
जब पूछें सारे क्यूं तू बात करे कम
कला ने ज़िंदा भी है रखा और
करा चुकी है मौत के भी दर्शन
जिनका दिल दुखाया माफ करना
और मौत मांगों मेरी I am done
भूख लगती ना प्यास बड़े जारी
सोचूं अंग अपने करदूं अर्पण
मां कसम खुद को ठोक देता आज अगर इस pen की जगह हाथ मे होती Gun!!



Credits
Writer(s): G Dot J, Annii
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