Tu Kahe

हम-तुम ज़माने से ही जुदा थे कहीं
ओ-ओ, कोई ग़म नहीं
फिर तूने ज़बाँ के सभी रंग बदले हसीं
ओ-ओ, कोई हद नहीं

मैंने थोड़ी शराफ़त सी भी क्या की थी
मैंने थोड़ी शराफ़त सी क्या किया कि
यूँ हुआ कि

तू कहे ऐसा ही हूँ मैं
तू कहे ऐसा क्या ग़म है
तू कहे ग़लती से mistake है
है हुआ, भूल जा

मैंने सुना था कहीं, तुम कुछ माँगो तो सही
क़ायनात की पूरी कोशिश रहेगी
मेरा अब ये शक़ है, सुनने वाला ही व्यस्त है
ओ-ओ, उसे ना पड़ी

मैंने थोड़ी शराफ़त सी भी क्या की थी
मैंने थोड़ी शराफ़त सी क्या किया कि
यूँ हुआ कि

तू कहे ऐसा ही हूँ मैं
तू कहे ऐसा क्या ग़म है
तू कहे ग़लती से mistake है
है हुआ

तू कहे कोरा सा मन है
तू कहे घटिया सितम है
तू कहे ग़लती से mistake है
है हुआ

तो सुन मेरे यार, वक़्त जो बेकार
हुआ, उसका हिसाब किया मैंने माफ़
जो दिन थे वो चार रंगों के उधार
ग़लतियाँ हज़ार क्या गिनूँ अब मैं, यार?

समझाने की कोशिश तो
सितारों ने भी की थी
हवाओं ने भी की थी

तू कहे ऐसा ही हूँ मैं
तू कहे ऐसा क्या ग़म है
तू कहे ग़लती से mistake है
है हुआ

तू कहे कोरा सा मन है
तू कहे घटिया सितम है
तू कहे ग़लती से mistake है
है हुआ, भूल जा

(तू कहे)
(तू कहे)

(तू कहे)



Credits
Writer(s): Nidhi Rawat
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