Abr - Jubin Nautiyal (Anjana Ankur Singh)

तेरे-मेरे दरमियाँ है
बूँदों का कारवाँ है
धड़कने हैं रवाँ-दवाँ
करीब आ, मेहरबाँ

बेसब्र जो अब्र हुआ
ख़ामोशियों को छूने लगा
हर क़तरा तेरे जिस्म पर
दुआओं में अल्फ़ाज़ सा

निगाह तुझ पर, ख़ामोश कर
लबों से तुझे पीने लगा
निगाह तुझ पर, ख़ामोश कर
लबों से तुझे पीने लगा

सुलझा दे मुझको तू
उलझा के अपनी बाँहों में
समझा दे मुझको तू
बसी मैं तेरी आहों में

सुलझा दे मुझको तू
उलझा के अपनी बाँहों में
समझा दे मुझको तू
बसी मैं तेरी आहों में (तेरी आहों में)

तुही मेरा घर, ओ, हमसफ़र
मुझमें रहे तू सारी उमर
कामिल हुआ मैं पा कर तुझे
इश्क़ानी बारिश मुझपे तू कर

निगाह तुझ पर, ख़ामोश कर
लबों से तुझे पीने लगा, ओ
निगाह तुझ पर, ख़ामोश कर
लबों से तुझे पीने लगा

लबों से तुझे पीने लगा
लबों से तुझे पीने लगा



Credits
Writer(s): Anjana Ankur Singh
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