Kuch Yun

कुछ यूँ बेवफ़ा हुए तुम
मेरी पलकों से ख़्वाब छीन कर
मेरी ख़्वाहिशों को बेवा कर गए तुम
मेरी रातों को आग लगा कर
मेरे दिनों को राख कर गए तुम
मेरे सफ़र को बेड़ियों में जकड़
मेरी मंज़िलों को ख़ाक कर गए तुम
कुछ यूँ बेवफ़ा हुए तुम

मेरे हिस्से की बहार चुरा कर
मुझे पतझड़ सा ज़ार-ज़ार कर गए तुम
मेरी साँसों से क़रार जुदा कर
मेरी धड़कनों को तार-तार कर गए तुम

मेरे परों को शिखर की ऊँचाइयों पर काट
मेरी उड़ान को अपाहिज कर गए तुम
मेरे जिस्म को क़ाफ़िर ठहरा कर
मेरी रूह को शापित कर गए तुम

मेरे अतीत से लम्हे उधार ले कर
मेरे कल को मोहताज कर गए तुम
मेरे अरमानों का क़त्ल कर के
मुझे मुजरिम करार कर गए तुम
कुछ यूँ बेवफ़ा हुए तुम
कुछ यूँ बेवफ़ा हुए तुम



Credits
Writer(s): Anita Singh
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