Chori Chori

चोरी-चोरी मुआ सुबह तड़के आएगा
पौड़ी-पौड़ी मुआ सुबह चढ़के आएगा
यूँ ही प्रेम आएगा, हाँ, यूँ ही आएगा
होश-वोश सब ले जाएगा

चाहे कोई भी गली तुम चुनो
प्रीत मिल जाएगी जी रास्ते
जैसे सरकारी काग़ज़ात सब
आ ही जाते हैं जी, हाँ, सही पते

जो गर्मियों की शाम में
हवा का एक ख़याल है, वो प्रेम है
सवाल के जवाब में
अजीब सा सवाल है, वो प्रेम है

जो भीड़ में भी गुम ना हो
जो ख़र्च करके कम ना हो
जो जान का सुकूँ भी है
दिल का भी बवाल है, वो प्रेम है

हौले-हौले दबे पय्याँ बढ़के आएगा
डूबे हम तो यही नय्या करके आएगा
यूँ ही प्रेम आएगा, हाँ, यूँ ही आएगा
होश-वोश सब ले जाएगा

चाहे कोई भी गली तुम चुनो
प्रीत मिल जाएगी जी रास्ते
जैसे सरकारी काग़ज़ात सब
आ ही जाते हैं जी, हाँ, सही पते



Credits
Writer(s): Amit Trivedi, Varun Grover
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