Faasla Mita

घर तुम्हारा, हम तो इसके बस मेहमान थे
कुछ पलों के लिए हम तेरे ख़ास थे
साँस तेज़ी से बढ़ी थी, हम पिघलने लगे
चलते-चलते हम फ़िसल के तुझमें डूबे रहे

चुप से बैठे, hmm-hmm-hmm
हवाएँ बदली सी, hmm-hmm-hmm

फ़ासला मिटा, मिटा रे दूरियाँ
ग़म मिला तो क्या, ये पल
हम ही से है बना
हम ही से है बना

घायल हुआ मैं
लापरवाही में सुनी हैं बातें
घायल हुआ मैं
शिकायत थी मेरी
हम अजनबी से बन गए

(साँस तेज़ी से बढ़ी थी) हम पिघलने लगे
चलते-चलते हम फ़िसल के तुझमें डूबे रहे

चुप से बैठे, hmm-hmm-hmm
हवाएँ बदली सी, hmm-hmm-hmm

फ़ासला मिटा, मिटा रे दूरियाँ
ग़म मिला तो क्या, ये पल
हम ही से है बना

फ़ासला मिटा, मिटा रे दूरियाँ
ग़म मिला तो क्या, ये पल
हम ही से है बना
हम ही से है बना



Credits
Writer(s): Rohan Shetty
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