Hututu

हुतूतू तूरूरू, हुतूतू तूरूरू, मन पहेली है, सुलझा
बेस्वादी सी ज़िंदगानी में नमक बन के तू घुल जा

नया दिन चढ़ गया, सूरज नया निकल गया
ज़मीं बदली नहीं तो आसमाँ बदल गया

हुतूतू तूरूरू, हुतूतू तूरूरू, मन पहेली है, सुलझा
बेस्वादी सी ज़िंदगानी में नमक बन के तू घुल जा

हाँ, मुद्दतें हो गई हों गुनगुनाते जिसको
गीत ना सही, कम से कम बदल दे तर्ज़ वो
छीन ले जाए ये कितना, गिन के लौटाए भी दुगना
सुना है ऐसा करके आता है मज़ा वक्त को

हुतूतू तूरूरू, हुतूतू तूरूरू, मन पहेली है, सुलझा
बेस्वादी सी ज़िंदगानी में नमक बन के तू घुल जा

नया दिन चढ़ गया, सूरज नया निकल गया
ज़मीं बदली नहीं तो आसमाँ बदल गया

हुतूतू तूरूरू, हुतूतू तूरूरू, मन पहेली है, सुलझा
बेस्वादी सी ज़िंदगानी में नमक बन के तू घुल जा



Credits
Writer(s): A R Rahman, Amitabh Bhattacharya
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