Kahaniyan

जब पहली बार तुमको पहचाना था
दिल को मिला बहाना था
सीने से गुम हो जाने का
मेरे पलकों पे जो ख़ाली थी जगह, तेरे आने से भर गई
कब से तुझको बताना था

कहानियाँ शुरू हो गई है मेरी
ये रुकेंगी तेरे नाम से
नज़रें मेरी जो देखे तुझे तो रुके
ये ना मेरे किसी काम की

मेरी तो हर शामें अब यहाँ
तेरी बातों से ढल रही
रातों में भी तेरा आना था

जब पहली बार तुमको पहचाना था
दिल को मिला बहाना था
सीने से गुम हो जाने का

नज़रों से कितनी दफ़ा तुझसे बातें करी, अपने ख़्वाबों में यूँ
पर होंठ मेरे सिल गए हर दफ़ा, सामने जब भी आया है तू
हो 'गर हँसी तेरे चेहरे पे तो मैं बनूँ उस हँसी की वजह
बहती हुई रेत मैं बन गया, बहाती तू बन के हवा

कहने को यूँ तो कुछ भी नहीं है
पर सोच लूँ मैं तो १०० बात है
मेरी कमी 'गर तुझको खले ना
तो फिर हर दुआ मेरी बेकार है

कुछ तो है जो तुमसे है जुड़ गया
और अब ये टूटेगा नहीं
कोशिश की कितनी मर्तबा

जब पहली बार तुमको पहचाना था
दिल को मिला बहाना था
सीने से गुम हो जाने का



Credits
Writer(s): Arijit Anand
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