Dastak

पलकों को मेरी एक ख़्वाब मिला है
बिन माँगे मुझको जवाब मिला है

किसी के आने की आहट सी हुई है
किसी को पाने की चाहत सी हुई है
किसी ने दिल के दर पे दस्तक दी है

काली सी रात को मिला तारा
खिलने लगे हैं पल ये दोबारा

किसी को पाने की चाहत सी हुई है
किसी ने दिल के दर पे दस्तक दी है

क़रीब उसके जाऊँ तो वो फ़ासले बनाए
मुझको दीवाना कर गईं उसकी सभी अदाएँ
उसको मेरा बनाएँगी कभी मेरी दुआएँ
हैं ऐसा कह रहीं हवाएँ

थोड़ी सी उसको भी उल्फ़त हुई है
किसी को पाने की चाहत सी हुई है
किसी ने दिल के दर पे दस्तक दी है

काली सी रात को मिला तारा
खिलने लगे हैं पल ये दोबारा

किसी को पाने की चाहत सी हुई है
किसी ने दिल के दर पे दस्तक दी है



Credits
Writer(s): Rishabh Srivastava
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