Dagariya

सुनी डगरिया पर हम चल दिए
मंज़िल को पाने के सपने लिए
सोई क़िस्मत को जगाना पड़ेगा
ख़ोटे सिक्के क़ो भी आज़माना पड़ेगा
पीछे ना देख़ो, ग़हरी खाई हैं
आग़े उम्मीदों की रोशनी छाई हैं
जो सोचा तो कर जाएगा
जो ठहरा तो मर जाएगा



Credits
Writer(s): Aakash Trivedi
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