Raabta

कहते हैं, ख़ुदा ने इस जहाँ में सभी के लिए
किसी ना किसी को है बनाया हर किसी के लिए
तेरा मिलना है उस रब का इशारा, मानो
मुझ को बनाया तेरे जैसे ही किसी के लिए

कुछ तो है तुझ से राब्ता
कुछ तो है तुझ से राब्ता
कैसे हम जानें, हमें क्या पता
कुछ तो है तुझ से राब्ता

तू हमसफ़र है, फिर क्या फ़िकर है?
जीने की वजह यही है, मरना इसी के लिए
कहते हैं, ख़ुदा ने इस जहाँ में सभी के लिए
किसी ना किसी को है बनाया हर किसी के लिए

सा नि सा धा गा
पा धा नि सा नि, नि धा सा नि सा
सा नि सा रे मा गा रे धा नि, नि धा

मेहरबानी जाते-जाते मुझ पे कर गया
गुज़रता सा लम्हा एक दामन भर गया
तेरा नज़ारा मिला, रौशन सितारा मिला
तक़दीर की कश्तियों को किनारा मिला

सदियों से तरसे हैं जैसी ज़िंदगी के लिए
तेरी सोहबत में दुआएँ हैं उसी के लिए
तेरा मिलना है उस रब का इशारा, मानो
मुझ को बनाया तेरे जैसे ही किसी के लिए

कुछ तो है तुझ से राब्ता
कुछ तो है तुझ से राब्ता
कैसे हम जानें, हमें क्या पता
कुछ तो है तुझ से राब्ता

तू हमसफ़र है, फिर क्या फ़िकर है?
जीने की वजह यही है, मरना इसी के लिए
कहते हैं, ख़ुदा ने इस जहाँ में सभी के लिए
किसी ना किसी को है बनाया हर किसी के लिए

सा नि सा धा गा
पा धा नि सा नि, नि धा सा नि सा
सा नि सा रे मा गा रे धा नि, नि धा
मेहरबानी...



Credits
Writer(s): Arijit Singh
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link