Zaalima Coca Cola

अरे, चली-चली, हाय, किधर चली?
अरे, ओ मनचली, ओ, अनारकली

ऐसे लचल-लचक के, मटक-मटक के
भटक गई तू गली
तेरे ठुमके पे झुमके ये झूम-झूम के
दिल में उठाएँ खलबली

चाँदी जैसा रंग है मेरा, सोने जैसे बाल
ख़बर मेरी सारी दुनिया को, तू ही ना पूछे हाल
हाँ, चाँदी जैसा रंग है मेरा, सोने जैसे बाल
ख़बर मेरी सारी दुनिया को, तू ही ना पूछे हाल

तुझ बिन तन्हा पड़ गई मैं
हाय, प्यासी ही मर गई मैं
थोड़ी सी ठंडक मेरे भी कलेजे को दिला दे

ज़ालिमा, Coca-Cola पिला दे
ज़ालिमा, Coca-Cola पिला दे
आग तूने जो लगाई बुझा दे
ज़ालिमा...

हाँ, काहे को ऐसे रोके दिल को बेकार जी?
तेरी ही ख़ातिर बैठी हूँ मैं तैयार जी (हाँ-हाँ)
हाँ, काहे को ऐसे रोके दिल को बेकार जी
तेरी ही ख़ातिर बैठी हूँ मैं तैयार जी

माँगूँ ना गहना तुझ से हीरा-मोती वाला
काहे कहूँ कि कोई जोड़ा सिला दे?

ज़ालिमा...
ज़ालिमा, Coca-Cola पिला दे
ज़ालिमा, Coca-Cola पिला दे
आग तूने जो लगाई बुझा दे
ज़ालिमा...

तितली सी उड़ती है, बिजली सी मुड़ती है
फ़िसली हैं तुझ पे निगाहें
खिलती है रंग जैसे, नख़रे पतंग जैसे
भँवरों के हाथ ना आए

तितली सी उड़ती है, बिजली सी मुड़ती है
फ़िसली हैं तुझ पे निगाहें
खिलती है रंग जैसे, नख़रे पतंग जैसे
भँवरों के हाथ ना आए

ज़ालिमा, Coca-Cola पिला दे
ज़ालिमा, Coca-Cola पिला दे
आग तूने जो लगाई बुझा दे
(ज़ालिमा, Coca-Cola पिला दे) ज़ालिमा...



Credits
Writer(s): Vaibhav Shrivastava, Khwaja Parvej, Reegdeb Das, Tariq Tafu, Waris Ludhyanvi
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