Tasvir

मैं जाऊँ कहाँ? ये तू ही बता दे
उन बाँहों में मुझको तू फिर से छुपा ले
हवाओं में भी तो तेरी कमी है
मेरे दिल के हर पन्ने पे बस तू ही छपी है

तो आजा फिर से, तू यूँ ना सज़ा दे
आ के तू फिर से मेरी दुनिया सजा दे
तो आजा फिर से, तू यूँ ना सज़ा दे
आ बैठ पास मेरे, मुझको सुला दे

तस्वीर तेरी मेरे सिरहाने से सुनाती है गीत वही
जो मैंने लिखे थे बातों पे तेरी, तू फिर से ले जा ना मुझको वहीं
शामों में वो रंग नहीं हैं, रात कहाँ उतनी गहरी
अब आजा ना, तू फिर से रंग दे शामें मेरी अपने रंगों में

यादें तुम्हारी हैं यहीं पर, एक दिन तुम भी आ जाना
और रुक जाना बस फिर पास मेरे ही, फिर से मेरी तुम हो जाना
फिर से सुनाना बातें पुरानी, सपनों में संग तुम ले जाना
और रख लेना मुझको साथ वहीं पर, मुझमें ही गुम तुम हो जाना



Credits
Writer(s): Kumar Gaurav
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