Rakhi Bandhungi (Rakhi Song)

लाड़ लड़ाऊँगी
साल भर लाड़ लड़ाऊँगी
डाँट मैं खाऊँगी
तुझको हर बार बचाऊँगी
लाड़ लड़ाऊँगी
साल भर लाड़ लड़ाऊँगी
डाँट मैं खाऊँगी
तुझको हर बार बचाऊँगी
पर आज मिला है मौक़ा
जो ना मैं जाने दूँगी (ना मैं जाने दूँगी)
जो तुम गिफ़्ट नहीं दोगे
मैं ना राखी बांधूँगी
जो तुम गिफ़्ट नहीं दोगे
मैं ना राखी बांधूँगी
जो तुम गिफ़्ट नहीं दोगे
मैं ना राखी बांधूँगी
जो तुम गिफ़्ट नहीं दोगे
मैं ना राखी बांधूँगी

सारे काम हूँ मै करती
आराम हो तुम करते
सारी डाँट हूँ मैं सुनती
शैतानिया तुम करते
सारे काम हूँ मै करती
आराम हो तुम करते
सारी डाँट हूँ मैं सुनती
शैतानिया तुम करते
गर मैं ना होती तो पापा से रोज़ ही तुम पिटते
गर मैं ना होती तो रातों को घर में ही टिकते
तो जब आज मिला है मौक़ा
ना मैं जाने दूँगी (ना मैं जाने दूँगी)
जो तुम गिफ़्ट नहीं दोगे
मैं ना राखी बांधूँगी
जो तुम गिफ़्ट नहीं दोगे
मैं ना राखी बांधूँगी
जो तुम गिफ़्ट नहीं दोगे
मैं ना राखी बांधूँगी
जो तुम गिफ़्ट नहीं दोगे
मैं ना राखी बांधूँगी



Credits
Writer(s): Ca Anjali Jain
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