Thi Arzoo

तेरी बाहों को मेरा साथ था
हर पल संग तेरे ख़ास था
उखड़ा फिर क्यूँ जज़्बात था मुझसे
आँखों में अब क्यूँ है नमी
आँसू दिखते पर तू नहीं
गुज़रे पल पर क्यू हूँ ख़फ़ा खुदसे
यादों के पन्ने पलटता हूँ
आज कल तुझको बस लिख रहा
क्यूँ कहते थे हम दिल से हैं जुड़े
तू ही मेरी
दिल की थी आरज़ू
तुझमें ही था
मेरे दिल का सुकून
ख़ामोश है
बाहों की जुस्तजु
तुझमें ही था
मेरे दिल का सुकून
बातों में बस अब हो बसी
बोलूँ कैसे तुम्हें अजनबी
कैसे खुदसे तुमको करदूँ जुदा
खाबों से लगते हैं वो पल
बोलूँ जो तुमको साथ चल
सपने टूटे अब हो गई सुभा
यादों के पन्ने पलटता हूँ
आज कल तुझको बस लिख रहा
क्यूँ कहते थे हम दिल से हैं जुड़े
तू ही मेरी
दिल की थी आरज़ू
तुझमें ही था
मेरे दिल का सुकून
ख़ामोश है
बाहों की जुस्तजु
तुझमें ही था
मेरे दिल का सुकून
तो क्या हुआ तू है नहीं
बाहें मेरी खाली सही
ख़ुद से कर लेता हूँ बातें नई
चेहरा तेरा, ज़ुल्फ़ें तेरी
सोचूँ जब भी होती ख़ुशी
ख़ुश होके भी लगती है कुछ कमी
यादों के पन्ने पलटता हूँ
आज कल तुझको बस लिख रहा
क्यूँ कहते थे हम दिल से हैं जुड़े
तू ही मेरी
दिल की थी आरज़ू
तुझमें ही था
मेरे दिल का सुकून
ख़ामोश है
बाहों की जुस्तजु
तुझमें ही था
मेरे दिल का सुकून



Credits
Writer(s): Mohit James
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