Bhuj Theme

हम ने चुने कुछ अलग ही रस्ते
जाँ भी गई तो गई हँसते-हँसते

साँसें वतन की हैं उधारी, जाँ से क़र्ज़ चुकाएँगे
इंसाँ बनकर आए थे, शहीद बनकर जाएँगे
गोलियों की लोरी सुन के लंबी नींद सो जाएँगे
एक माँ के बनकर आए थे, हर माँ के हो जाएँगे

ग़म ना करना, देश मेरे, हम जब भी याद आएँगे
लंबी नींद से जाग के हम अगले जनम फिर आएँगे

माँ की गोद में सोने को हम रहते हैं तैयार
मिट्टी है ये माँ हमारी, मिटने को तैयार

बूँद-बूँद और क़तरा-क़तरा खून का मेरा तेरा है
माटी का बिस्तर तेरा ये आख़िर मेरा बसेरा है

हाथ लगा के कोई तो देखे, लड़ने को तैयार
मिट्टी है ये माँ हमारी, मिटने को तैयार

तेरी मिट्टी पर माँ हम ने बचपन को दौड़ाया था
तेरी मिट्टी को माँ हम ने पाँव तले रचाया था
खेल-कूद की उस ज़मीन का क़र्ज़ हम चुकाएँगे
साँसें वतन की हैं उधारी, जाँ से क़र्ज़ चुकाएँगे

माँ की गोद में सोने को हम रहते हैं तैयार
मिट्टी है ये माँ हमारी, मिटने को तैयार
माँ की गोद में सोने को हम रहते हैं तैयार
मिट्टी है ये माँ हमारी, मिटने को तैयार



Credits
Writer(s): Verma Anil, Mohile Amar Anil
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