Ek Kahani

चलते चलते रस्ते में टकरा गए
आँखें जो मिली उनसे शरमा गए
बात ना हुई जो उनसे घबरा गए
बात जो हुई है उनसे सब आ गए
ना आगे चले, ना पीछे गए
बस उनकी बातों में हम खो गए
ये रस्ते बड़े अंजाने हुए
चलते हुए उनके घर आ गए
घर आ गए

अब जाना है उन्हें और मानना है हमें
के कहीं ना जाए वो ये बताना है उन्हें
कुछ बोले ना गया
बस चुप हैं खड़े
उनको रोकने को फिर, थोड़ा आगे बढे
वो मुड़े, देखा हमें
वो हँसे, पूछा हमें
के क्या है जो दिल में छुपा मेरे
ये दिल रह गया है हाँ पास तेरे
ना माने ज़रा भी ये कहना मेरा
ये दिल मेरे हो गया है बस में तेरे
ये बस में तेरे
अब वो भी हमें कुछ कहने लगे
राज़-ए-बयां वो भी करने लगे
फिर दो दिल मिले और धड़कने लगे
है नसीबों से मिलते ये रिश्ते बड़े

"कभी कभी यूँही मिल जाते हैं दो अजनबी
साथ चलने को ज़िन्दगी भर
हर कोई है जहाँ में हर किसी के लिए
बस रखो थोड़ा सब्र"
हाथ में हाथ फिर दोनों मिले
साथ पूरी ज़िन्दगी कभी ना छूटे
पूरे हो गए है दोनों एक दूजे से
और जन्मों जन्मों के साथी हुए
साथी हुए
साथी हुए



Credits
Writer(s): Swagger Sharma
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link