Kismat

जीना तो है हर हाल में, जितनी भी हों मुश्किलें
जीना तो है हर हाल में, जितनी भी हों मुश्किलें
अंगड़ाई लेकर जागेगी क़िस्मत अपनी भी तो एक दिन, एक दिन
जीना तो है हर हाल में, जितनी भी हों मुश्किलें

क्या ख़ूब थे वो नज़ारे, खुशियों के वो सिलसिले
हाँ, ना थी किसी से शिकायत, ना ज़िंदगी से गिले
हो, रुख़ ज़िंदगी का हम मोड़ देंगे, इतना है हमको यक़ीं

हो, हम एक होकर अब चल पड़े तो
फिर दूर मंज़िल नहीं
जो भी है अपना, सच होगा सपना
एक दिन, एक दिन, एक दिन

जीना तो है हर हाल में, जितनी भी हों मुश्किलें
जीना तो है हर हाल में, जितनी भी हों मुश्किलें
अंगड़ाई लेकर जागेगी क़िस्मत अपनी भी तो एक दिन, एक दिन



Credits
Writer(s): N Naskar
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