Mere Krishna

मेरे कृष्णा ने बजाई बंसी
मेरे कृष्णा ने बजाई बंसी
वो मीठी-मीठी धुन मेरी साँसों में बसी
वो मीठी-मीठी धुन मेरी साँसों में बसी

आए नहीं चैन जब तक ना सुनू
आए नहीं चैन जब तक ना सुनू
है खोई सुध-बुध, मैंने खोई है हँसी
है खोई सुध-बुध, मैंने खोई है हँसी

मेरे कृष्णा ने बजाई बंसी
वो मीठी-मीठी धुन मेरी साँसों में बसी

सुन तान बंसी की दौड़ी-दौड़ी आऊँ
बंसी बजईया कान्हा पे वारी जाऊँ
हो, सुन तान बंसी की दौड़ी-दौड़ी आऊँ
बंसी बजईया कान्हा पे वारी जाऊँ

कुछ नहीं भाता मैं बंसी में फँसी
कुछ नहीं भाता मैं बंसी में फँसी
वो मीठी-मीठी धुन मेरी साँसों में बसी
है खोई सुध-बुध, मैंने खोई है हँसी

ओ रे, कृष्णा, ओ रे, कृष्णा
ओ रे, कृष्णा, ओ रे, कृष्णा

लोक-लाज छोड़ी, मैंने घर-बार छोड़ा
मोहन, माधव से मन का तार जोड़ा
हो, लोक-लाज छोड़ी, मैंने घर-बार छोड़ा
मोहन, माधव से मन का तार जोड़ा

अब है इसी नाते में मेरी हर खुशी
अब है इसी नाते में मेरी हर खुशी
वो मीठी-मीठी धुन मेरी साँसों में बसी
है खोई सुध-बुध, मैंने खोई है हँसी

कान्हा तेरे चरणों का संग नहीं छूटे
तेरे प्रेम का मन से रंग नहीं छूटे
कान्हा तेरे चरणों का संग नहीं छूटे
तेरे प्रेम का मन से रंग नहीं छूटे

शरण तेरी आ के ये आत्मा हर्सी
शरण तेरी आ के ये आत्मा हर्सी
वो मीठी-मीठी धुन मेरी साँसों में बसी
है खोई सुध-बुध, मैंने खोई है हँसी

मेरे कृष्णा ने बजाई बंसी
वो मीठी-मीठी धुन मेरी साँसों में बसी
आए नहीं चैन जब तक ना सुनू
है खोई सुध-बुध, मैंने खोई है हँसी

मेरे कृष्णा ने बजाई बंसी
वो मीठी-मीठी धुन मेरी साँसों में बसी



Credits
Writer(s): Kashyap Vora
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