Nakshatra Kare So Hoye

तिथि, माह, रुत जोगी जाने
भाग्य ना जाने कोय
लाख करे चतुराई मानस
नक्षत्र करे सो होय

नक्षत्र (प-ध, स-नि, स-नि, स-नि, प-ध, स-नि, स-नि, स-नि-प)
नक्षत्र (म-प, ध-प, ध-प, ध-प, म-प, ध-प, ध-प-म)
नक्षत्र (सा-रे, म-ग, म-ग-स, सा-रे, मग, म-ग-रे)
ये है नक्षत्र (ये है नक्षत्र)

नक्षत्र मिटाते हैं, नक्षत्र बनाते हैं
भूत-भविष्य की बातें नक्षत्र बताते हैं
(नक्षत्र मिटाते हैं, नक्षत्र बनाते हैं)
(भूत-भविष्य की बातें नक्षत्र बताते हैं)

सुख-दुख है मेल ये नक्षत्रों का
जीवन है खेल ये नक्षत्रों का
(ओ, सुख-दुख है मेल ये नक्षत्रों का)
(जीवन है खेल ये नक्षत्रों का)

कब, कैसे, कहाँ, क्या होता है
योग है, संजोग है नक्षत्रों का

ग्रहें, दशा और लगन...
ग्रहें, दशा और लगन कुंडली में जब आते हैं
१२ घर, नौ ग्रह राशि-फल बतलाते हैं
(...राशि-फल बतलाते हैं)

(नक्षत्र मिटाते हैं, नक्षत्र बनाते हैं)
(भूत-भविष्य की बातें नक्षत्र बताते हैं)
भूत-भविष्य की बातें नक्षत्र बताते हैं

शुभ नक्षत्र लगा डाकू को, रामायण सा ग्रंथ लिखा
अशुभ हुआ नक्षत्र, राम का राज्य छोड़ वनवास मिला (राज्य छोड़ वनवास मिला)
था प्रह्लाद का शुभ नक्षत्र, अग्नि में ना जल पाया
अशुभ हुआ नक्षत्र कृष्ण का, बाणों से ना बच पाया (बाणों से ना बच पाया)

नक्षत्र मिटाते हैं, नक्षत्र बनाते हैं
भूत-भविष्य की बातें नक्षत्र बताते हैं
भूत-भविष्य की बातें नक्षत्र बताते हैं

आशा और निराशा जीवन के बहते धारे हैं
उनकी कश्ती पार लगी जो हिम्मत कभी ना हारे हैं (हिम्मत कभी ना हारे हैं)
चलता चल, तू बढ़ता चल...
अरे, चलता चल, तू बढ़ता चल, नक्षत्र बदलते रहते हैं
"कर्म से बदली है तक़दीरें", वेद-पुराण ये कहते हैं (वेद-पुराण ये कहते हैं)

नक्षत्र मिटाते हैं, नक्षत्र बनाते हैं
भूत-भविष्य की बातें नक्षत्र बताते हैं
नक्षत्र मिटाते हैं, नक्षत्र बनाते हैं
भूत-भविष्य की बातें नक्षत्र बताते हैं

(नक्षत्र)
(नक्षत्र)
(नक्षत्र)
(ये है नक्षत्र)

(नक्षत्र)
(ये है नक्षत्र)



Credits
Writer(s): Sudhakar Sharma
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