JUGNU

मैं गु़म हूं अंधेरे उजालों में जुगनू की तरह
मैं गु़म हूं अंधेरे उजालों में जुगनू की तरह
ये रौशनी न काफ़ी है ढूंढूं घर मेरा
ये रौशनी न काफ़ी है ढूंढूं घर मेरा

मेरे घर में मेरा दिल है कैसे जाऊं वहां
ओ चंदा रे सूरज को बता कोई राह दिखा
मैं गु़म हूं अंधेरे उजालों में जुगनू की तरह

मेरे घर में ख़्वाबों का एक कमरा है
मेरा दिल भी है वहां
उस कमरे में लेकिन एक ताला है
चाबी है कहां
उस चाबी को मैं कैसे ढूंढूंगा जुगनू की तरह
उस चाबी को मैं कैसे ढूंढूंगा जुगनू की तरह

मैं गु़म हूं अंधेरे उजालों में जुगनू की तरह
ये रौशनी न काफ़ी है ढूंढूं घर मेरा
मैं गु़म हूं अंधेरे उजालों में जुगनू की तरह
जुगनू की तरह
जुगनू की तरह



Credits
Writer(s): Vishakha Sharma
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