Kho Jaun

थोड़े अकेले से, थोड़े से गुमसुम हैं
थोड़े करीब आ रहे
कह दे तुम्हे या नहीं, पल ये नाज़ुक है
जाने कहाँ जा रहे

थोड़े अकेले से, थोड़े से गुमसुम हैं
थोड़े करीब आ रहे
कह दे तुम्हे या नहीं, पल ये नाज़ुक है
जाने कहाँ जा रहे

के तुम हो, मैं हूँ, भूलें ना क्यूँ दुनिया सारी?
पल भर को तो जी लें दोनों ये ख़ुमारी
आँखों-आँखों में काटें ये रात सारी
कहता है मुझसे मन मेरा, हाँ

खो जाऊँ तुझमें मैं ज़रा

कल ना मिले तो कोसूँगा ख़ुद को
कि ऐसे ही बातों ही बातों में रातें ये मैंने क्यूँ जाने दी
होश सँभाले बैठा था कबसे
पर तेरी नशीली इन आँखों में डूब गया हूँ मैं पल में ही

कह दो जो है कहना, छोड़ो शर्में सारी
मिलते ना हैं ऐसे मौके, कर लें यारी
आँखों-आँखों में काटें ये रात सारी
कहता है मुझसे मन मेरा, हाँ

खो जाऊँ तुझमें मैं ज़रा

खो जाऊँ
खो जाऊँ
खो जाऊँ
खो जाऊँ मैं
खो जाऊँ
खो जाऊँ मैं तुझमें थोड़ा
खो जाऊँ



Credits
Writer(s): Yash Narvekar
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