BLANKO

सच बोलना ना जानाँ तू मुझसे दूर क्यूँ है?
तू एक दिन मिल जाएँगी, ये मेरा फ़ितूर है

ਮਾਹੀ ਵੇ, जो तू ना मिला तो फिर क्या हुआ?
तेरी यादों में, मैं जीता रहाँ
तेरे नाम की जो भेजी दुआ
सच हो ना सकी, मैं करता भी क्या?

मैंने दिन भी सुधार लिये, कपड़े भी सवार लिये
अभी कितना कमा रहे, तूने छोटे ही सवाल किये
तेरा ज़िक्र छुपा लिया और खुदे से मलाल किये
ना सोच सकोगे तुम हमने इतने कमल किये

अफ़सोस होता है बस हमें इस बात का
तुम दिल में जाना कभी नहीं झाँके
तुम हमसे ऐसा प्यार कभी कर ना सके
जैसी तुम हमसे करते थे बातें

सच बोलना ना जानाँ तू मुझसे दूर क्यूँ है?
तू एक दिन मिल जाएँगी, ये मेरा फ़ितूर है

ਮਾਹੀ ਵੇ, जो तू ना मिला तो फिर क्या हुआ?
तेरी यादों में मैं जीता रहाँ
तेरे नाम की जो भेजी दुआ
सच हो ना सकी, मैं करता भी क्या?

फ़ासलों में भी रज़ा तेरी, मुश्किलों मैं क्यूँ वफ़ा मेरी?
मैं हँसू ना ख़्वाहिशें तेरी, तू रोएँ ना ये दुआ मेरी

जो मुझसे दूर जाएँगी तो जाना टूट जाएँगी
ये दुनिया है खयालों की तू सच में रूठ जाएँगी
मैं तुझसे क्या छुपाऊँगा, तू मुझको क्या बताएँगी
तू जब भी आँखे बंद करले सामने मुझको पाएँगी

सच बोलना ना जानाँ तू मुझसे दूर क्यूँ है?
तू एक दिन मिल जाएँगी, ये मेरा फ़ितूर है

ਮਾਹੀ ਵੇ, जो तू ना मिला तो फिर क्या हुआ?
तेरी यादों में, मैं जीता रहाँ
तेरे नाम की जो भेजी दुआ
सच हो ना सकी, मैं करता भी क्या?

(तू मुझसे दूर जाएँगी, तो जाना रूठ जाएँगी)
जो तू ना मिला तो फिर क्या हुआ?
(ये दुनिया है खयालों की तू सच में रूठ जाएँगी)
तेरी यादों में, मैं जीता रहाँ
(मैं तुझसे क्या छुपाऊँगा, तू मुझको क्या बताएँगी)
तेरे नाम की जो भेजी दुआ
(तू जब भी आँखे बंद करले सामने मुझको पाएँगी)
सच हो ना सकी, मैं करता भी क्या?



Credits
Writer(s): Arpan Kumar
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