Aadha Hi Rah Jaunga

तुमको ना लिखूँ ख़ुद पे तो सादा ही रह जाऊँगा
बिन तेरे मैं कच्चा सा धागा ही रह जाऊँगा
ओ, तुमको ना लिखूँ ख़ुद पे तो सादा ही रह जाऊँगा
बिन तेरे मैं कच्चा सा धागा ही रह जाऊँगा

रह जाऊँगा यूँ ही अधूरा, ये यक़ीन रखना
तुमको ना जोड़ूँ ख़ुद में तो आधा ही रह जाऊँगा
रह जाऊँगा यूँ ही अधूरा, ये यक़ीन रखना
तुमको ना जोड़ूँ ख़ुद में तो आधा ही रह जाऊँगा
आधा ही रह जाऊँगा, आधा ही रह जाऊँगा
(आधा ही रह जाऊँगा)

मेरी नींदें माँग रही हैं, अपने ख़्वाब दिला दे ना
हो, मेरी नींदें माँग रही हैं, अपने ख़्वाब दिला दे ना
मेरी सारी उम्रें अपनी साँसों में मिला लेना
ज़िक्र वो अपने सारे मेरे होंठों पे रख देना तुम
जो कभी ना छूटे तुमसे, मुझे आदत वही बना लेना

कह दिया जो कहना था, अब मैं ज़्यादा ना कह पाऊँगा
तुमको ना जोड़ूँ ख़ुद में तो आधा ही रह जाऊँगा
रह जाऊँगा यूँ ही अधूरा, ये यक़ीन रखना
तुमको ना जोड़ूँ ख़ुद में तो आधा ही रह जाऊँगा
आधा ही रह जाऊँगा, आधा ही रह जाऊँगा
(आधा ही रह जाऊँगा)



Credits
Writer(s): Mayank Shukla, Abhendra Kumar Upadhyay
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