Saath

मैंरी आवरगी
तेरे संग ही पिया
मैंने ज़िंदगी
तेरे संग ही जिया
मुझको आजमा
मैं तेरा ही हु पिया
मैंने सारे गम
तेरे संग ही जिया

लौटुंगा मर कर भी
चाहे सांसे नहीं
हो बची दिल में भी
तेरी यादें सभी

साथ हो तेरा
तो गम सारे
है नहीं
साथ हो तेरा
तो गम सारे
है नहीं

साथ हो तेरा
तो गम सारे
है नहीं
साथ हो तेरा
तो गम सारे
है नहीं

डर अगर लगे अंधेरो से
मेरे सीने से आके तू लग जाना
फ़ासले ना कर ऐ जा मुझ से
सांस में गुटन है क्यों इनसे
साथ हो तेरा
तो गम सारे
है नहीं
साथ हो तेरा
तो गम सारे
है नहीं
अंधेरी सी रात में
सुबहा तू मेरी
दोनो बाज़ुए खोल के
इस तरहा खड़ी
पीली धूप में गिरती
बारिश हो कहीं
बिखेरे खुशबुएं मिट्टी की
इस तरहा नई
साथ हो तेरा
तो गम सारे
है नहीं
साथ हो तेरा
तो गम सारे
है नहीं



Credits
Writer(s): Arvind Singh Chouhan
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