Aarzoo (feat. Gala Soler, Ejaz Hussain, Vedang Deshpande & Siddh)

दूर ये यूँ कुछ धुएँ में गुम
हाथों में मुरझाई लक़ीरों की ख़ुशबू

पास आकर देखा परछाई सा हल्का
उन ही लक़ीरों का धोका रे
दूरियों से ही है मेरी...

आरज़ू, आरज़ू, आरज़ू
आरज़ू

एक फ़ुर्सत-ए-गुनाह मिली
एक फ़ुर्सत-ए-गुनाह मिली
वो भी चार दिन, चार दिन, चार दिन
देखे है हमने हौसले परवरदिगार के

दोनों जहाँ तेरी मोहब्बत में हार के
वो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के
वीराँ है मय-कदा, ख़ुम-ओ-साग़र उदास है
तुम क्या गए के रूठ गए दिन, रूठ गए दिन बहार के

आरज़ू, आरज़ू, आरज़ू
(आरज़ू, आरज़ू, आरज़ू)



Credits
Writer(s): Bawari Basanti, Faiz Ahmad Faiz
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