O Rabba Ve

दिल को मेरे क्यूँ आजकल,
रहती है बस तेरी फिकर
है नाम तेरा जुबां पे,
हर पहर

मुझे देखके हँसना तेरा,
शरमा के फिर मुड़ना तेरा
चाहूँ तुझे यूँ देखना,
हर पहर

क्यूँ हो रही तक़लीफ अब,
जाए कहीं तू दूर जब
ये सिलसिला क्यूँ समझ में,
आए न.

ओ रब्बा वे,ओ रब्बा वे
ओ रब्बा वे, तू ही बता

ओ रब्बा वे, ओ रब्बा वे
ओ रब्बा वे, तू ही बता

यूँ बस गया,
ख्वाबों पे साया तेरा
देखूँ तुझे,
शाम हो या सवेरा

यूँ बस गया,
ख्वाबों पे साया तेरा
देखूँ तुझे,
शाम हो या सवेरा

फिर क्यूँ लगे, दिल ये तन्हा मेरा
जाने नहीं, दीवाना मन ये मेरा

तुझसे होके मैं शुरू,
तुझमें हो जाऊँ खतम
सच में अगर ये ही प्यार है,
बतला दे न कर ये सितम

ओ रब्बा वे, ओ रब्बा वे
ओ रब्बा वे, तू ही बता

ओ रब्बा वे, ओ रब्बा वे
ओ रब्बा वे, तू ही बता



Credits
Writer(s): Mk Roy
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