Kahaani

काश कभी तुम समझोगी
कि क्यूँ हम क़रीब नहीं
काश कभी तुम जानोगी
कि अब तक है तेरी कमी

पता है हमें कि तेरे बिना
अधूरी है ये ज़िंदगी
पता है हमें कि मेरी फ़िकर
अब तक तुम्हें है कहीं

तेरी-मेरी राहें कहीं
मिलेंगी शायद फिर कभी
कहानी ये अधूरी सही
पूरी होगी फिर कभी

तेरा-मेरा साथ ये
अभी पूरा हुआ नहीं
तेरी-मेरी राहें कहीं
मिलेंगी शायद फिर कभी

जहाँ भी हो, यादों में हो
साँसों में हो मेरी
जहाँ भी हो, यादों में हो
साँसों में हो मेरी



Credits
Writer(s): Anindo Bose, Pavithra Chari
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