Maahi

छोड़ गया कहानी अधूरी तू जो
जग नु सुना जा रांझा वे
वादे किए थे लाखों जी हुजूरी के जो
आकर निभा जा रांझा वे

छोड़ गया कहानी अधूरी तू जो
जग नु सुना जा रांझा वे
वादे किए थे लाखों जी हुजूरी के जो
आकर निभा जा रांझा वे
लाया न कंगना रे सजना
चिट्ठी में लिख कर भी फिर
भूल गया तू माही वे
कहती है काफ़िर दुनिया
लौटा न कोई कभी फिर
जिस जग गया तू माही वे

तुझ बिन दुनिया ये सारी
फिरदी मैं मारी मारी
तेरे पीछे खुद से मैं हारी
धड़कन कांच की डोरी
छूट जाए काश निगोड़ी
या कर रांझा आकर ले जा मुझ को भी

माही
माही
माही
माही

तुझ को रिझाऊं तेरा घर महकाऊं मैं
पिया ले जा तो सही
बाहों में भर लूं तुझ को लोरी सुनाऊं मैं
तू सो जाना यहीं

मेरी दुनिया ये
सारी खुशियां ये
इक पल में ही क्यों गुम हो गयी
तेरी बाहों में
इन पनाहों में
जी करता है हाँ सो जाऊं अभी

तुझ बिन दुनिया ये सारी
फिरदी मैं मारी मारी
तेरे पीछे खुद से मैं हारी
धड़कन कांच की डोरी
छूट जाए काश निगोड़ी
या कर रांझा आकर ले जा मुझ को भी

माही
माही
माही
माही



Credits
Writer(s): Kshitij Sohan
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