Farq Nahi Padta

मुलाक़ातें कम हो गई हैं, अब बातें कम हो गई हैं
मुलाक़ातें कम हो गई हैं, अब बातें कम हो गई हैं

इश्क़ भी धीरे-धीरे दम तोड़ ही देगा

उसे फ़र्क़ नहीं पड़ता मेरे रहने, ना रहने से
उसे फ़र्क़ नहीं पड़ता मेरे रहने, ना रहने से
मुझे लगता है कि वो मुझे अब छोड़ ही देगा

जैसे पहले था वैसा रहा ही नहीं
एक मुद्दत से उसने मुझे कुछ कहा ही नहीं
जैसे पहले था वैसा रहा ही नहीं
एक मुद्दत से उसने मुझे कुछ कहा ही नहीं

मेरे रहते किसी और से रिश्ता जोड़ ही देगा

उसे फ़र्क़ नहीं पड़ता मेरे रहने, ना रहने से
उसे फ़र्क़ नहीं पड़ता मेरे रहने, ना रहने से
मुझे लगता है कि वो मुझे अब छोड़ ही देगा

हर तरफ़, हाँ, हर तरफ़ बस ये ही शोर है
Abeer के, Abeer के दिल में चोर है
वादे तोड़ रहा है सारे, रस्में भूल रहा है
हाँ-जी-हाँ, वो, हाँ-जी-हाँ, सब क़स्में भूल रहा है

चेहरा अपना जल्दी वो मुझसे मोड़ ही देगा

उसे फ़र्क़ नहीं पड़ता मेरे रहने, ना रहने से
उसे फ़र्क़ नहीं पड़ता मेरे रहने, ना रहने से
मुझे लगता है कि वो मुझे अब छोड़ ही देगा



Credits
Writer(s): Abeer, Avvy Sra
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