Mere Sarkar Aaye Hain

बेर सबरी के जूठे खाए
केवट नाव से पार लगाए
भेद-भाव गर यूँ मिट जाए
तो ही मन में राम समाए

उठा कर नज़रें तो देखो
उठा कर नज़रें तो देखो
नज़ारें क्या सजाए हैं
उठा कर नज़रें तो देखो
नज़ारें क्या सजाए हैं

है रोशन आज जग सारा
है रोशन आज जग सारा
मेरे सरकार आए हैं

मेरे सरकार आए हैं
मेरे सरकार आए हैं
मेरे सरकार आए हैं

है घर-घर आज दिवाली
है घर-घर आज दिवाली
देखो, सरकार आए हैं

उठा कर नज़रें तो देखो
उठा कर नज़रें तो देखो
नज़ारें क्या सजाए हैं

दरस को तरस गईं अखियाँ
ये कैसा कर्म बंधन है
मेरी भक्ति के कण-कण में
तेरा, बस तेरा सिमरन है
हाँ, बस तेरा ही सिमरन है

तो कह दो चाँद-तारों से
तो कह दो चाँद-तारों से
सजा दें आज अंबर भी

बहे अमृत हवाओं में
मेरे सरकार आए है

उठा कर नज़रें तो देखो
उठा कर नज़रें तो देखो
नज़ारें क्या सजाए हैं
मेरे सरकार आए हैं

सजी हर द्वार पर देखो
है जगमग दीपों की माला
हो घर-घर खुशियों से रोशन
मिटे दुखों का अँधियारा
मिटे दुखों का अँधियारा

उजाला प्रेम का फैले
उजाला प्रेम का फैले
दीप मिलकर जलाएँ हैं

रहे रौनक दिवाली सी
मेरे सरकार आए हैं

उठा कर नज़रें तो देखो
उठा कर नज़रें तो देखो
नज़ारें क्या सजाए हैं
मेरे सरकार आए हैं

है रोशन आज जग सारा
मेरे सरकार आए हैं
मेरे सरकार आए हैं
मेरे सरकार आए हैं

मेरे सरकार आए हैं



Credits
Writer(s): Swasti Mehul
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