Mitwa (Lofi Flip)

मितवा, मितवा, मितवा

मेरे मन ये बता दे तू, किस ओर चला है तू?
क्या पाया नहीं तूने? क्या ढूँढ रहा है तू?
जो है अनकही, जो है अनसुनी वो बात क्या है, बता?

मितवा, कहे धड़कनें तुझसे क्या?
मितवा, ये ख़ुद से तो ना तू छुपा

जीवन डगर में, प्रेमनगर में
आया नज़र में जब से कोई है
तू सोचता है, तू पूछता है
"जिसकी कमी थी, क्या ये वो ही है?"

हाँ, ये वो ही है, हाँ, ये वो ही है
तू इक प्यासा और ये नदी है
काहे नहीं इस को तू खुल के बताए?

जो है अनकही, जो है अनसुनी वो बात क्या है, बता?

मितवा, कहे धड़कनें तुझसे क्या?
मितवा, ये ख़ुद से तो ना तू छुपा

हो, तेरी निगाहें पा गईं राहें
पर तू ये सोचे जाऊँ ना जाऊँ
ये ज़िन्दगी जो है नाचती तो
क्यूँ बेड़ियों में हैं तेरे पाँव?

प्रीत की धून पर नाच ले पागल
उड़ता अगर है उड़ने दे आँचल
काहे कोई अपने को ऐसे तरसाए?

जो है अनकही, जो है अनसुनी वो बात क्या है, बता?

मितवा, कहे धड़कनें तुझसे क्या?
मितवा, ये ख़ुद से तो ना तू छुपा



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Shankar Mahadevan, Ehsaan Noorani, Aloysuis Peter Mendonsa
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link