Ram Naam Ki Mithai

राम-नाम की मिठाई मन-भाई
मैं खाऊँ नित जी भर के
सतसंग में गुरूजी से पाई
मैं खाऊँ नित जी भर के

जिस जिस को भी राम नाम की ये सौग़ात मिली है
उसके तन मन की हर विपदा अपने आप कटी है
दुख-नाशक है ये सुख-दाई
मैं खाऊँ नित जी भर के

खाते ही पच जाने वाली बेहद ये पाचक है
एक जड़ी बूटी ही समझो, बल बुद्धि दायक है
प्रभु कृपा है इसमें समाई
मैं खाऊँ नित जी भर के

बरफ़ी, लड्डू, काजू-कतली, चमचम और जलेबी
इसके आगे फीके 'साहिल' इस की बात अनोखी
कुल दुनिया ने महिमा है गाई
मैं खाऊँ नित जी भर के



Credits
Writer(s): Pradeep Sahil
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