SAAJISH-E-ISHQ

ये इश्क़ की हैं ये साज़िशें, दर्द दिलों के आहटें
(इश्क़-इश्क़, ये इश्क़-इश्क़)
ये इश्क़ की हैं ये साज़िशें, दर्द दिलों के आहटें
(इश्क़-इश्क़, ये इश्क़-इश्क़)
रंजिशें भी होती हैं जब तुम आते हो निगाहों में

काजल की ये आँखें गहरी जैसे रातें
काजल की ये आँखें गहरी जैसे रातें
मेरे फ़ितूरों को रिहा कर दे तू आज से
मेरे फ़ितूरों को रिहा कर दे तू आज से

ये इश्क़ की हैं ये साज़िशें
ये इश्क़ की हैं ये साज़िशें
ये इश्क़ की हैं ये साज़िशें
ये इश्क़ की हैं ये साज़िशें
ये इश्क़ की हैं ये साज़िशें



Credits
Writer(s): Sagnik Pradhan
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