Politics

खूब हो गया रोना धोना
बंद करो ये बाबू सोना
कान लगा कर सुन लो बात
बड़े पते की है ये बात
देश की है ये देश कि बात
हाँ देश की है ये देश कि बात
देश की है ये देश कि बात
बड़े पते की है ये बात

कुछ चोर छिपे हैं वर्दी में
कुछ हैं सादी वर्दी में
कुछ छिपते हैं कुछ दिखते हैं
सब करते गुंडागर्दी हैं
सीधे साधे सीख रहे हैं
अच्छे शिष्टाचार को
देश के नेता सीख चुके हैं
पूरे भ्रष्टाचार को
चोर उच्चके मंत्री नेता
मिली जुली सरकार है
श्रद्धा भक्ति बने हैं धंधे
अब तो सब व्यापार है
हाँ अब तो सब व्यापार है
मज़दूर बना मजबूर बेचारा
इनकी शान ओ शौक़त से
बड़ी ऐश है नेताओं कि
देश की सारी दौलत से
न्यूज़ बिकी है परसासन को
जनता ही लाचार है
जनता ही लाचार है
लूट रहे हैं चोर देश को
उनकी ही सरकार है
हाँ उनकी ही सरकार है
उनकी ही सरकार है

हाँ नेता नेता हर कोई कहता
नेता हो तो कैसा नेता
नेता हो तो कैसा नेता

नेता हो तो कैसा नेता

पढ़े लिखे विद्वान यहाँ पर
दर दर ठोकर खाते हैं
ये देश है पीछे वजह यही है
अनपढ़ देश चलते हैं
अनपढ़ देश चलते हैं
यहाँ अनपढ़ देश चलते हैं

आरक्षण की ज़ंजीरें हैं
या फिर रिश्वतखोरी है
देश के बुनियादी ढाँचे की
ये दो ही कमजोरी है
ये दो ही कमजोरी है
टीवी देखो वोटिंग देखो
देश धर्म पर खाते हैं
देश का धंधा करने वाले
देशभक्त कहलाते हैं
शर्मशार कर दिया इन्होंने
धर्म बेच कर खाते हैं
ये कैसे फिर सो जाते हैं
क्या नींद इन्हें आ जाती है
साले नींद की गोली खाते हैं
ये नींद की गोली खाते हैं
साले नींद की गोली खाते हैं



Credits
Writer(s): Fanindra Bhardwaj
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