Chehra

दर्दों में क्या लिखा था?
बस तेरा ही चेहरा दिखा था
दर्दों में क्या लिखा था?
बस तेरा ही चेहरा दिखा था

अश्क यूँ बहे थे, जैसे बारिश हुई हो
हाथ यूँ जुड़े थे, जैसे हो पर्वत ज़मीं पे
वक्त भी चला था, जैसे हो झरने का पानी

दर्दों में क्या लिखा था?
बस तेरा ही चेहरा दिखा था

हम तो थे सोचते, चलेंगे तेरे ही संग
हम तो थे सोचते, बढ़ते रहेंगे क़दम

पर अब क्या कहें, क्या बताएँ
कैसे हैं भटके हुए हम
उफ़ भी ना करता है ये दिल
जब से गुम सी हुई तुम

हर तरफ़, हर जगह हो जैसे तुम
किससे कहें?
और क्या कहें अब जो ना हो तुम?

दर्दों में क्या लिखा था?
बस तेरा ही चेहरा दिखा था

हम तो हमेशा तुमको ही चाहते
चाहते रहे हैं हम
बस अब आओ, बस आ भी जाओ
और ना सहें हम

अब दिल में क्या है, बताएँ?
जैसे चुप सी हुई धुन
जज़्बात डर से गए हैं
हों जैसे टूटे पत्ते

हर तरफ़, हर जगह हो जैसे तुम
किससे कहें?
और क्या कहें अब जो ना हो तुम?

दर्दों में क्या लिखा था?
बस तेरा ही चेहरा दिखा था



Credits
Writer(s): Ashish Verma
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