Tishnagi

तेरा ये नशा मुझ पे यूँ चढ़ा
Hmm, तेरा ही पता, हाँ, ढूँढता मैं फिर रहा

बातों में तू, दिल में बस गई है
देखूँ जिधर, तू ही दिख रही है
चारों तरफ़ तेरी तिश्नगी है
जाऊँ किधर? तू मुझमें ही कहीं है

तेरे पाँव के निशाँ ले जाएँगे जहाँ
हाँ, छोड़ के दुनिया जहाँ
हाँ, बना लूँ मैं घर वहाँ

हाँ, रातों में तू, ख़्वाबों में तू ही है
बाँहों में अब तेरी ही कमी है
चारों तरफ़ तेरी तिश्नगी है
जाऊँ किधर? तू मुझमें ही कहीं है

जो कहना था, कह दिया, हाँ
मुझमें है जो इश्क़ सा बह रहा
क्या तुझमें भी है रवाँ?

बातों में तू, दिल में बस गई है
देखूँ जिधर मैं, तू ही दिख रही है
चारों तरफ़ तेरी तिश्नगी है
जाऊँ किधर? तू मुझमें ही कहीं है

रातों में तू, ख़्वाबों में तू ही है
बाँहों में अब तेरी ही कमी है
चारों तरफ़ तेरी तिश्नगी है
जाऊँ किधर? तू मुझमें ही कहीं...



Credits
Writer(s): Arjit Saraswat, Rupinder Singh, Shubham Semwal
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