Jaayein Kahan

चल आज उड़ चलें, अब मिला है जो मौका
बिन मौसम बारिश हो गई फिर चले कहाँ?

अब जो भी मौका मिला तो जी लें
मौका मिला तो चल पड़ें
ख़ाबों की भीड़ में तू खो गया कहाँ?
फिर उड़ चलें जाने कहाँ, जाएँ कहाँ?

बस आज आख़री रात है
कल छूट जाए सारे यार हैं
रह जाएगी बस यादें
कल मेरा आख़री सलाम है

तू जा

चल आज उड़ चलें, फिर मिले ना ये मौका
बाँहों को खोल के तू पंख तो फैला

अब जो भी मौका मिला तो जी लें
मौका मिला तो चल पड़ें
ख़ाबों की भीड़ में तू खो गया कहाँ?
फिर उड़ चलें जाने कहाँ, जाएँ कहाँ?



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