Darasal 360 Lofi Flip

तुम तो दरअसल ख़्वाब की बात हो
चलती मेरे ख़यालों में तुम साथ-साथ हो
मिलती है जो अचानक वो सौग़ात हो

तुम तो दरअसल मीठी सी प्यास हो
लगता है ये हमेशा कि तुम आसपास हो
ठहरा है जो लबों पे वो एहसास हो

तेरी अदा-अदा पे मरता मैं
वफ़ा-वफ़ा सी करता
क्यूँ हदों से हूँ गुज़रता मैं?
ज़रा, ज़रा, ज़रा

तुम तो दरअसल साँसों का साज़ हो
दिल में मेरे छुपा जो वही राज़-राज़ हो
कल भी मेरा तुम्हीं हो, मेरा आज हो
कल भी मेरा तुम्हीं हो, मेरा आज हो

होता है ऐसा अक्सर, दिल ये किसी को देकर
लगता हसीं है सारा शहर, वो-हो
अब देख तेरा होकर ऐसा असर है मुझ पर
हँसता रहूँ मैं आठों पहर, हो

तुम तो दरअसल इश्क़ हो, प्यार हो
आती मेरे फ़सानों में तुम बार-बार हो
इनकार में जो छुपा है वो इक़रार हो

तुम तो दरअसल ख़्वाब की बात हो
चलती मेरे ख़यालों में तुम साथ-साथ हो
मिलती है जो अचानक वो सौग़ात हो



Credits
Writer(s): Pritam
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