Ki Dar Hai Yeh

इस क़दर तू मुझे प्यार कर
जिसे कभी ना मैं सकूँ फिर भुला
ज़िंदगी लाई हमें यहाँ
कोई इरादा तो रहा होगा भला

कि दरख़्वास्त है ये, जो आई रात है ये
तू मेरी बाँहों में दुनिया भुला दे
जो अब लम्हात हैं ये, बड़े ही ख़ास हैं ये
तू मेरी बाँहों में दुनिया भुला दे

कि दरख़्वास्त है ये, जो आई रात है ये
तू मेरी बाँहों में दुनिया भुला दे
जो अब लम्हात हैं ये, बड़े ही ख़ास हैं ये
तू मेरी बाँहों में दुनिया भुला दे

राहों में मेरे साथ चल तू
थामे मेरा हाथ चल तू
वक्त जितना भी हो हासिल
सारा मेरे नाम कर तू
वक्त जितना भी हो हासिल
सारा मेरे नाम कर तू

कि अरमान हैं ये, गुज़ारिश जान है ये
तू मेरी बाँहों में दुनिया भुला दे (mmm)
जो अब लम्हात हैं ये (जो अब लम्हात हैं ये)
बड़े ही ख़ास हैं ये (बड़े ही ख़ास हैं ये)
तू मेरी बाँहों में दुनिया भुला दे



Credits
Writer(s): Swatej Agrawal
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