Zindagi

ज़िन्दगी के सफ़र में खो सा गया
ज़िन्दगी के सफ़र में खो सा गया
क्या था मैं जाने जां क्या से क्या हो गया
ज़िन्दगी के सफ़र में खो सा गया

थे हम-नवा तुम भी दिल मेरा भी आश्ना था
थे हम-नवा तुम भी दिल मेरा भी आश्ना था
तेरे मेरे सपने थे कुछ तो अपने दरमियां था
तेरे मेरे सपने थे कुछ तो अपने दरमियां था
रुत ये कैसी आई कुछ ना संग रह गया
क्या था मैं जाने जां क्या से क्या हो गया
ज़िन्दगी के सफ़र में खो सा गया

थे बा-वफ़ा तुम भी मैं भी बे-वफ़ा ना था
थे बा-वफ़ा तुम भी मैं भी बे-वफ़ा ना था
धड़कने अपनी हमराह थी
ऐ हम जवां मेरे ऐ हमनशी
जिस्म से जां फिर क्यूँ जुदा हो गया
क्या था मैं जाने जां क्या से क्या हो गया
ज़िन्दगी के सफ़र में खो सा गया



Credits
Writer(s): Mritunjay Dubey, Sumit Jha
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