Sabsa Sundar Hammar Desh Yau

मुखड़ा

वीर के भूमि,अहि माटि के चूमी
प्रेम के मदिरा, पी पी के झूमी

राम के गाथा सबके सुनाबी
कृष्णक उपदेश यौ

दुनिया मे सबसँ सुन्नर हमर देश यौ।।

अंतरा-1

कुनू दुल्हिन सन लागे,धरती के काया
खेत-खरिहान पोखरि, पिपरक छाया

कोयली कुहीकि उठैए,पुरबा जखन बहैए
माथ पर गमछा बन्हने, हरबाह खेत जोतैए

गंगा जकर पैर पखारै
यमुना धोबै केश यौ

दुनिया मे सबसँ सुन्नर हमर देश यौ।।

अंतरा-2

नेना-बुदरुक के सुनबै,किस्सा-पिहानी
परी,राजा-रानी वला,दादी आ नानी

मीरा प्रेम परीक्षा मे, विष जतै पिबैए
जतै दीवाना माझी,पहाड़ के कटैए

उगना रूप मे चाकर बनला
जतै स्वयं महेश यौ

दुनिया मे सबसँ सुन्नर हमर देश यौ।।



Credits
Writer(s): Ashutosh Azal
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