Tum Hi Aana

तेरे जाने का ग़म और ना आने का ग़म
फिर ज़माने का ग़म, क्या करें?
राह देखे नज़र रात भर जाग कर
पर तेरी तो ख़बर ना मिले

बहुत आई-गई यादें, मगर इस बार तुम ही आना
इरादे फिर से जाने के नहीं लाना, तुम ही आना

मेरी दहलीज़ से होकर बहारें जब गुज़रती हैं
यहाँ क्या धूप, क्या सावन, हवाएँ भी बरसती हैं
हमें पूछो, "क्या होता है बिना दिल के जिए जाना"
बहुत आई-गई यादें, मगर इस बार तुम ही आना

कोई तो राह वो होगी जो मेरे घर को आती है
करो पीछा सदाओं का, सुनो क्या कहना चाहती है
तुम आओगे मुझे मिलने, ख़बर ये भी तुम ही लाना
बहुत आई-गई यादें, मगर इस बार तुम ही आना

ਮਰਜਾਵਾਂ, ਮਰਜਾਵਾਂ

It, it is that lifestyle

It, it is that lifestyle



Credits
Writer(s): Ankit Malik
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