Chashni

चाशनी में डुबो के वो क़िस्से सुनाना
उन क़िस्सों को सुन के तेरा खिलखिलाना
वो रातों को उठ-उठ के तारे गिनाना
बातों ही बातों में सुबह हो जाना

ये ज़िंदगी है, ये दिल्लगी है
तूने ना जाना, मेरे सनम
ये ज़िंदगी है, ये दिल्लगी है
तूने ना जाना, मेरे सनम

प्यार की बातें करेंगे हम, तेरी हँसी पे मरेंगे हम
वो काग़ज़ की कश्ती बना के चलेंगे
हम headphones लगा के जो गाने सुनेंगे
बाँहों में बाँहें, हम खोए रहेंगे, हम खोए रहेंगे

इमरती की तरह यूँ मीठा हो जाना
एक selfie तो ले लूँ, ज़रा मुस्कुराना

ये ज़िंदगी है, ये दिल्लगी है
तूने ना जाना, मेरे सनम
ये ज़िंदगी है, ये दिल्लगी है
तूने ना जाना, मेरे सनम



Credits
Writer(s): Nadeem Akhtar, Rahul Jain, Ved Jamsandekar
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