Chup Chup Ke

कहाँ से आई हो? कहाँ जाएँगे?
ख़ाली-ख़ाली रास्ते, पहरे हम दे चलें
तर्ज़ की फ़िज़ाओं में हमसफ़र क्यूँ मिले?
जब वक़्त की पन्नों से कल हम बिछड़ चले

रूखे-रूखे आज मैं इश्क़ की आग में
मैं प्यार करूँ चुप-चुप के
रूखे-रूखे आज मैं अँगारों की साज़ में
मैं प्यार करूँ चुप-चुप के
चुप-चुप के, hey

दास्ताँ धुआँ-धुआँ यूँ हो रहा है
रश्मों में मेरा नशा जैसे कई ख़ामोशियाँ
तू जो मिला है हुआ रुवाँ यूँ आसमाँ

भीगे-भीगे आज मैं मौसमी साज़ में
मैं प्यार करूँ चुप-चुप के
देखो-देखो आज मैं सवाल-जवाब में
मैं प्यार करूँ चुप-चुप के

देखो-देखो आज मैं सवाल-जवाब में
मैं प्यार करूँ चुप-चुप के



Credits
Writer(s): Sudeep Swaroop, Nikita Agarwal
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